ब्रह्मा बाबा के भजन | Brahma Baba Ke Bhajan

Brahma Baba Ke Bhajan: ब्रह्मा बाबा के भजन – ये भजन भगवान ब्रह्मा जी की महिमा का गुणगान करते हैं, जो सृष्टि के रचयिता माने जाते हैं। वेदों और पुराणों में वर्णित भगवान ब्रह्मा को हिंदू धर्म में परमपूज्य माना गया है। उनके भजनों के माध्यम से श्रद्धालु उनकी कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को सुख और शांतिमय बनाते हैं। अगर आप ब्रह्मा बाबा के भजन की तलाश कर रहे हैं, तो यह लेख आपकी सहायता करेगा। इस पोस्ट में हम आपके लिये श्री ब्रह्मा जी के भजन(Shri Brahma ji ke Bhajan) हिंन्दी मे प्रस्तुत कर रहे हैं।

श्री ब्रह्मा जी के भजन हिंदी में

ब्रह्मा जी तेरा ही सजाया संसार है।
ब्रह्मा जी तेरा ही सजाया संसार है॥

सृष्टि के रचैया तू ही तुझको नमन बारबार है।
ब्रह्मा जी तेरा ही सजाया संसार है॥

आप ही जीवन दाता, आप ही भाग्य विधाता।
कण कण में बसने वाले, आपसे सबका नाता॥

आप ही जीवन दाता, आप ही भाग्य विधाता।
कण कण में बसने वाले, आपसे सबका नाता॥

तेरा ही रचाया ये दुनिया ये जहान है।
हे अंतर्यामी तेरी महिमा महान है॥

हो तेरा ही रचाया ये दुनिया ये जहान है।
हे अंतर्यामी तेरी महिमा महान है॥

हम इंसानों का, हम इंसानों का तू ही एक पालनहार है।
ब्रह्मा जी तेरा ही सजाया संसार है॥

ब्रह्मा जी जय जय हे कमलासन, जय जय हे चतुरानन।
आपकी जय जय जग में गाए हर प्राणी का मन॥
जय जय हे कमलासन, जय जय हे चतुरानन॥

आप की जय जय जग में गाए हर प्राणी का मन।
हम सब आए तेरे ही शरण में॥

ढेर सारी खुशियां भर दो मेरे भी जीवन में।
हम सब आए तेरे चरण में॥

तेरी ही कृपा से, तेरी ही कृपा से जीवन की नैया होती पार है।
ब्रह्मा जी तेरा ही सजाया संसार है॥
ब्रह्मा जी हो तेरा ही सजाया संसार है॥

श्री ब्रह्मा जी की महिमा और महत्व:

भगवान ब्रह्मा की महिमा अनंत है। वे सृष्टि के निर्माता हैं और वेदों के प्रणेता माने जाते हैं। उनकी उपासना करने से जीवन में ज्ञान, सृजनशीलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उनके भजनों का जाप करने से व्यक्ति का ध्यान केंद्रित होता है और वह अपनी आत्मा की गहराई तक पहुँच सकता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान ब्रह्मा की भक्ति करने से व्यक्ति के भीतर विवेक और ज्ञान का विकास होता है।

ब्रह्मा बाबा के भजन करने का शुभ समय और दिन:

  1. शुभ दिन:
    • भगवान ब्रह्मा की पूजा के लिए विशेष रूप से गुरुवार और पूर्णिमा का दिन शुभ माना जाता है।
    • चैत्र मास की पूर्णिमा को उनकी विशेष पूजा की जाती है।
  2. शुभ समय:
    • प्रातःकाल और संध्या का समय उनकी पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता हैं।
  3. क्या करें:
    • पूजा के दौरान ब्रह्मा गायत्री मंत्र का जाप करें।
    • पीले फूल और चंदन का उपयोग करें।
  4. क्या न करें:
    • पूजा में गलत उच्चारण और असावधानी न बरतें।
    • किसी भी प्रकार की नकारात्मकता के साथ पूजा न करें।

ब्रह्मा जी के भजन करने की सही विधि:

  1. सबसे पहले स्वच्छ होकर पूजा स्थान को साफ करें।
  2. ब्रह्मा जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. दीपक जलाएं और भोग में मीठा फल अर्पित करें।
  4. ब्रह्मा गायत्री मंत्र का जाप करें: “ॐ छतुष्पादाय विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि। तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात्।”
  5. ब्रह्मा जी की आरती और भजन का गान करें।

ब्रह्मा जी के भजन करने के लाभ (फायदे):

  1. बुद्धिमत्ता और सृजनशीलता का विकास।
  2. मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता।
  3. नकारात्मकता से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह।
  4. ज्ञान और विवेक का विस्तार।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य और जानकारी:

  1. भगवान ब्रह्मा को चार मुख और चार भुजाओं के साथ दर्शाया जाता है।
  2. उनका वाहन हंस है, जो विवेक और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है।
  3. ब्रह्मा जी की उपासना कम की जाती है क्योंकि उनकी पूजा से जुड़े कर्मकांड जटिल होते हैं।

निष्कर्ष:

भगवान ब्रह्मा की पूजा और भजन व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, शांति और सकारात्मकता लाते हैं। ब्रह्मा बाबा के भजन” करने से भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है और वे जीवन के कठिन मार्ग को भी सरलता से पार कर जाते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न:

  1. भगवान ब्रह्मा कौन हैं? भगवान ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता हैं और हिंदू धर्म के त्रिदेवों में से एक हैं।
  2. भगवान ब्रह्मा की पूजा क्यों की जाती है? उनकी पूजा से ज्ञान, सृजन और सकारात्मकता प्राप्त होती है।
  3. ब्रह्मा जी की पूजा का सही समय क्या है? प्रातःकाल और संध्या का समय उनकी पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता हैं।
  4. क्या ब्रह्मा जी की पूजा रोज़ की जा सकती है? हाँ, श्रद्धालु उनकी पूजा प्रतिदिन कर सकते हैं।
  5. ब्रह्मा जी का वाहन क्या है? उनका वाहन हंस है।
  6. ब्रह्मा जी के भजनों का महत्व क्या है? ये भजन भक्तों को ध्यान केंद्रित करने और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने में मदद करते हैं।
  7. ब्रह्मा गायत्री मंत्र का जाप कैसे करें? शुद्ध मन और शांत वातावरण में इसका जाप करें।
  8. ब्रह्मा जी की मूर्ति के साथ कौन-से फूल अर्पित करें? पीले फूल और चंदन उपयुक्त हैं।
  9. क्या ब्रह्मा जी की पूजा विशेष अवसरों पर ही करनी चाहिए? उनकी पूजा विशेष अवसरों पर करना शुभ होता है, लेकिन नियमित रूप से भी की जा सकती है।
  10. भगवान ब्रह्मा की पूजा से क्या लाभ मिलता है? इससे ज्ञान, शांति, और सृजनशीलता में वृद्धि होती है।

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