लक्ष्मी आरती लिरिक्स इन हिंदी | Laxmi Aarti Lyrics in Hindi

लक्ष्मी माता, जिन्हें धन और समृद्धि की देवी माना जाता है, हिंदू धर्म में लक्ष्मी माता का विशेष स्थान हैं। लक्ष्मी माता की आरती और पूजा आराधना से न केवल भौतिक और आर्थिक सुख-समृद्धि की प्राप्ती होती है। बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी मिलती है। हर शुभ अवसरो और त्यौहारों पर लक्ष्मी आरती लिरिक्स इन हिंदी गाने और उनकी पूजा पाठ करने की परंपरा है। आरती करते समय भक्तों का समर्पण और भावपूर्ण पूजा देवी लक्ष्मी की कृपा पाने का श्रेष्ठ माध्यम मानी जाती है। विशेष रूप से दीपावली के अवसर पर लक्ष्मी माता की आरती करना शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी जी की आरती के साथ उनकी कृपा पाने के लिए श्रद्धा और भक्तिभाव जरूरी है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में यह स्पष्ट किया गया है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से लक्ष्मी माता की आराधना करता है, उसके जीवन से दरिद्रता और कष्ट दूर हो जाते हैं। विशेष त्यौहार जैसे की दीपावली पर श्री लक्ष्मी जी की आरती के साथ-साथ श्री गणेश जी की आरती भी की जाती हैं।

हमारी वेबसाइट पर श्री लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में, के साथ-साथ उनकी महिमा और महत्व, लक्ष्मी माता की आरती और पूजा पाठ करने का शुभ समय और शुभ दिन, लक्ष्मी माता की आरती और पूजा पाठ करने की सही विधि, लक्ष्मी माता की आरती और पूजा पाठ कौन कर सकता है, और कौन नहीं कर सकता है। लक्ष्मी माता की आरती और पूजा पाठ करने के लाभ (फायदे), और श्री लक्ष्मी जी की आरती व पूजा पाठ करने से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ, और धार्मिक व आध्यात्मिक क्षेत्र से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियाँ उपलब्ध हैं। और अंत में श्री लक्ष्मी जी की आरती व पूजा पाठ करने से सम्बंधित १० महत्वपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भी दिये गए है। यह आरती न केवल भक्तों को सुखद अनुभव देती है, बल्कि यह भक्तों के धन-वैभव की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है।

॥ लक्ष्मी आरती लिरिक्स इन हिंदी ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवत,
हर विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता,
मैया तुम ही जग माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता,
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता,
मैया सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता,
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभ दाता,
मैया तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता,
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता,
मैया सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता,
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र ना हो पाता,
मैया वस्त्र ना हो पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता,
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता,
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता,
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता,
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता,
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निस दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता,
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दोहा

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् सुरेश्वरि।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् दयानिधे।।

पद्मालये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं च सर्वदे।
सर्व भूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं।।

लक्ष्मी माता की महिमा और महत्व:

  1. धन और समृद्धि का आशीर्वाद:
    लक्ष्मी माता को धन, ऐश्वर्य और वैभव की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से घर में धन-धान्य और सुख-शांति बनी रहती है।

  2. पौराणिक महत्त्व:
    शास्त्रों में लक्ष्मी जी की महिमा का वर्णन विस्तार से किया गया है। समुद्र मंथन के समय, जब देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं, तो उन्होंने जीवन में संतुलन और समृद्धि का संदेश दिया।

  3. आध्यात्मिक दृष्टि:
    उनकी पूजा करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। वह व्यक्ति के जीवन से आलस्य और नकारात्मकता को दूर करती हैं।

लक्ष्मी माता की आरती और पूजा पाठ का शुभ समय और दिन:

  1. शुभ समय:
    • प्रदोष काल: सूर्यास्त से रात के बीच का समय पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
    • दीपावली: अमावस्या की रात को लक्ष्मी माता की पूजा विशेष फलदायी होती है।
  2. शुभ दिन:
    • शुक्रवार का दिन लक्ष्मी पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ होता है।
  3. पूजा कब नहीं करनी चाहिए:
    • अशुद्ध अवस्था में पूजा करना वर्जित है।
    • पूजा के दौरान अनमने और नकारात्मक विचार रखने से बचना चाहिए।

श्री लक्ष्मी माता की आरती और पूजा पाठ की विधि:

  1. घर की सफाई करें और प्रवेश द्वार पर रंगोली सजाएँ।
  2. लक्ष्मी जी की प्रतिमा को फूलों से सजाएँ।
  3. दीपक जलाकर, भोग लगाएँ और मन से आरती गाएँ।
  4. पूजा के दौरान ध्यान रखें कि सामग्री में गंगाजल, कुमकुम, चावल, और दीपक का होना आवश्यक है।
  5. पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद बाँटें।

क्या न करें:
1. पूजा के समय शोर-शराबा न करें।
2. अशुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा करना अशुभ माना जाता है।

श्री लक्ष्मी आरती कौन कर सकता है, कौन नहीं कर सकता है:

  1. कौन कर सकता है:
    • सभी गृहस्थ, व्यापारी, और विद्यार्थी लक्ष्मी माता की आरती कर सकते हैं।
    • धन और सुख-शांति की कामना करने वाले भक्त पूजा कर सकते हैं।
  2. कौन नहीं कर सकता है:
    • बिना स्वच्छता और शुद्धता के पूजा करना उचित नहीं है।
    • पूजा में अश्रद्धालु या नकारात्मक सोच रखने वालों को इससे बचना चाहिए।

लक्ष्मी माता की आरती और पूजा पाठ के लाभ (फायदे):

  1. धन-वैभव की प्राप्ति:
    उनकी पूजा करने से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।
  2. कष्टों से मुक्ति:
    पूजा करने वाले के जीवन से दरिद्रता और कष्ट दूर हो जाते हैं।
  3. सकारात्मकता का संचार:
    लक्ष्मी माता की आरती से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  4. व्यवसाय में सफलता:
    व्यापार में उन्नति और स्थिरता मिलती है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • पूजा में गुलाब और कमल के फूल का उपयोग अति शुभ माना जाता है।
  • दीपावली पर लक्ष्मी माता की पूजा और गोवर्धन पूजा का संयोजन विशेष फलदायी होता है।
  • उनकी आराधना के साथ श्री सूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी लाभकारी होता है।

निष्कर्ष:

लक्ष्मी माता की आरती हिंदी में न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भक्तों के लिए देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का माध्यम भी है। उनकी पूजा और आरती से व्यक्ति को धन, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। aartiyan.com पर आपको इससे संबंधित सभी जानकारी और सामग्री उपलब्ध है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

लक्ष्मी माता की आरती का महत्व क्या है?
यह धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए की जाती है।

लक्ष्मी माता की पूजा का शुभ समय क्या है?
प्रदोष काल और दीपावली की अमावस्या।

क्या लक्ष्मी माता की आरती रोज़ की जा सकती है?
हाँ, रोज़ाना आरती करना लाभकारी होता है।

लक्ष्मी माता की पूजा में कौन सी सामग्री आवश्यक है?
दीपक, कुमकुम, चावल, फूल, और मिठाई।

क्या पूजा के समय नियमों का पालन अनिवार्य है?
हाँ, पूजा के समय शुद्धता और नियमों का पालन अनिवार्य है।

आरती के दौरान कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?
श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र और लक्ष्मी स्तुति।

क्या बिना नियम के पूजा करना सही है?
नहीं, बिना नियम और श्रद्धा के पूजा फलदायी नहीं होती।

लक्ष्मी माता की कृपा पाने के अन्य उपाय क्या हैं?
घर की साफ-सफाई और दान-पुण्य।

क्या पूजा के लिए कोई विशेष दिन है?
शुक्रवार और दीपावली विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।

क्या लक्ष्मी माता की पूजा से दरिद्रता दूर होती है?
हाँ, उनकी पूजा से दरिद्रता और कष्ट समाप्त हो जाते हैं।

Leave a Comment