श्री राम जी की आरती | Shri Ram Ji Ki Aarti

आरती हिंदू धर्म में पूजा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग मानी जाती है। यह भक्तों द्वारा भगवान की स्तुति और सम्मान व्यक्त करने का एक विशेष तरीका है। जब हम किसी देवता की आरती करते हैं, तो हम उनके प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट करते हैं।

भगवान श्री राम हिंदू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूजे जाते हैं। वे धर्म, सत्य, आदर्श और न्याय के प्रतीक हैं। श्री राम जी की आरती करना न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह भी माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। विशेष रूप से, ‘आरती कीजे श्री राम लला की’ भक्ति रस से परिपूर्ण आरती है, जिसे भक्त श्रद्धा और प्रेमपूर्वक गाते हैं।

श्री राम जी की आरती करने से न केवल जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि इससे सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और मन को एक विशेष प्रकार की आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। यह आरती विशेष रूप से राम नवमी, विजयदशमी, और अन्य राम से जुड़े पर्वों पर की जाती है।

आरती कीजे श्री राम लला की

आरती कीजे श्री राम लला की, आरती कीजे श्री राम लला की ।
रघुनंदन संपूर्ण कला की, रघुनंदन संपूर्ण कला की ।।
आरती कीजे श्री राम लला की

नारायण नर बनकर आये, रघुकुल नंदन राम कहाये ।
नारायण नर बनकर आये, रघुकुल नंदन राम कहाये ।
कौशल्या सुत राजिव लोचन, दशरथ सुत हरि भव भय मोचन ।।
आरती कीजे श्री राम लला की

भरत लखन शत्रुघन समेता, प्रगटे अवध में कृपा निकेता ।
भरत लखन शत्रुघन समेता, प्रगटे अवध में कृपा निकेता ।
धनुष बाण दिव्य युद्ध धारी, जनम निरंजन अवध बिहारी ।।
आरती कीजे श्री राम लला की

गुरु वशिष्ठ से विद्या पाये, विश्वामित्र का यज्ञ बचाये ।
गुरु वशिष्ठ से विद्या पाये, विश्वामित्र का यज्ञ बचाये ।
तार अहिल्या मिथिला आये, जनकसुता से ब्याह रचाये ।।
आरती कीजे श्री राम लला की

पिता वचन हित वन को ध्याये, रावण वध कर अवध को आये ।
पिता वचन हित वन को ध्याये, रावण वध कर अवध को आये ।
सिय संग सिंहासन को सजाये, राम राज त्रिभुवन में लाये ।।
आरती कीजे श्री राम लला की

जय जय मर्यादा अवतारी, जय जय धनुष बाण के धारी ।
जय जय मर्यादा अवतारी, जय जय धनुष बाण के धारी ।
जय सीतापति जय असुरारी, जय रघुनायक अवध बिहारी ।।
आरती कीजे श्री राम लला की

राम सिया की आरती पावनी, सकल दोष दुःख ताप ना सावनी ।
राम सिया की आरती पावनी, सकल दोष दुःख ताप ना सावनी ।
शिव अज इंद्र संत मन भावनी, पंच रोग तय ताप मिटावनी ।।
आरती कीजे श्री राम लला की

राम चरण में जो चित लावे, प्रेम भक्ति से गुण यश गावे ।
राम चरण में जो चित लावे, प्रेम भक्ति से गुण यश गावे ।
अक्षय सुख यश वैभव पावे, अंत काल भव से तर जावे ।।
आरती कीजे श्री राम लला की

रघुनंदन संपूर्ण कला की, आरती कीजे श्री राम लला की ।।

परिचय:

श्री राम जी हिंदू धर्म के महानतम देवताओं में से एक हैं। वे भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूजे जाते हैं। श्री राम जी की आरती का विशेष महत्व है, क्योंकि यह उनकी कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-शांति लाने का एक प्रमुख साधन माना जाता है।

श्री राम जी की आरती विशेष रूप से राम नवमी, विजयदशमी, दीपावली, और राम मंदिर में किए जाने वाले विशेष आयोजनों के दौरान गाई जाती है। यह आरती भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है और उनके जीवन में सकारात्मकता लाती है।

श्री राम जी की महिमा और महत्व:

भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। वे सत्य, धर्म और न्याय के प्रतीक हैं। उनके जीवन से हमें कर्तव्यपरायणता, भक्ति, प्रेम और त्याग की सीख मिलती है। भक्तों के लिए श्री राम केवल एक देवता नहीं, बल्कि उनके जीवन के आदर्श हैं। उनकी पूजा करने से मनुष्य के भीतर सद्गुणों का विकास होता है।

आरती करने का शुभ समय और दिन:

श्री राम जी की आरती करने के लिए सबसे शुभ समय प्रातःकाल और संध्या का समय माना जाता है। विशेष रूप से राम नवमी, दशहरा और दीपावली के दिन श्री राम जी की आरती करना अत्यंत फलदायी होता है।

आरती करने की सही विधि:

  1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें।
  3. दीपक, अगरबत्ती, पुष्प और प्रसाद तैयार करें।
  4. श्री राम जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करें।
  5. भक्तिपूर्वक आरती का गायन करें और घंटी बजाएं।
  6. आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।

आरती करने के लाभ:

  1. मन की शांति और सकारात्मकता प्राप्त होती है।
  2. जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  3. पारिवारिक कलह और नकारात्मकता दूर होती है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  5. भगवान श्री राम की कृपा प्राप्त होती है।
  6. मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
  7. बुराइयों और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है।

आरती कौन कर सकता है और कौन नहीं कर सकता है:

  • कोई भी भक्त श्री राम जी की आरती कर सकता है, चाहे वह किसी भी जाति, वर्ग या उम्र का हो।
  • आरती करने के लिए मन और शरीर की शुद्धता आवश्यक होती है।
  • नशे की स्थिति में आरती नहीं करनी चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य और जानकारी:

  • श्री राम जी की आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • विजयदशमी और राम नवमी के दिन विशेष रूप से श्री राम जी की आरती करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • अयोध्या में श्री राम मंदिर में रोज़ाना भव्य आरती का आयोजन किया जाता है।

निष्कर्ष:

श्री राम जी की आरती न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है। यह आरती हमें श्री राम जी के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देती है। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तिपूर्वक आरती करना अति आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

प्रश्न 1: श्री राम जी की आरती कब करनी चाहिए?
उत्तर: प्रातःकाल और संध्या समय आरती करना शुभ होता है, विशेष रूप से राम नवमी और दशहरा के दिन।

प्रश्न 2: श्री राम जी की आरती करने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: इससे मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और श्री राम जी की कृपा प्राप्त होती है।

प्रश्न 3: क्या कोई भी व्यक्ति श्री राम जी की आरती कर सकता है?
उत्तर: हाँ, कोई भी भक्त स्वच्छ मन और शरीर से श्री राम जी की आरती कर सकता है।

प्रश्न 4: क्या श्री राम जी की आरती केवल मंदिर में ही करनी चाहिए?
उत्तर: नहीं, इसे घर में भी श्रद्धापूर्वक किया जा सकता है।

प्रश्न 5: आरती करने के दौरान कौन-कौन से नियमों का पालन करना चाहिए?
उत्तर: स्वच्छता बनाए रखना, सही विधि से आरती करना और श्रद्धा भाव से गाना आवश्यक होता है।

प्रश्न 6: क्या श्री राम जी की आरती विशेष अवसरों पर ही की जाती है?
उत्तर: नहीं, इसे रोज़ाना भी किया जा सकता है, लेकिन विशेष अवसरों पर इसका अधिक महत्व होता है।

प्रश्न 7: श्री राम जी की आरती कैसे करें?
उत्तर: दीप जलाकर, भक्ति भाव से, आरती गाकर और घंटी बजाकर आरती करें।

प्रश्न 8: क्या श्री राम जी की आरती करने के लिए किसी विशेष मंत्र का उच्चारण करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ मंत्र का जप करना लाभकारी होता है।

प्रश्न 9: राम नवमी के दिन आरती करने का विशेष महत्व क्या है?
उत्तर: इस दिन भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है, इसलिए उनकी आरती करने से विशेष फल मिलता है।

प्रश्न 10: क्या महिलाएँ भी श्री राम जी की आरती कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, महिलाएँ भी श्रद्धा और भक्ति भाव से श्री राम जी की आरती कर सकती हैं।

Leave a Comment